वो आखिरी साँसें जिंदगी की पेहली लगने लगती है। वो आखिरी साँसें जिंदगी की पेहली लगने लगती है।
राही की अंतिम अभिलाषा...! राही की अंतिम अभिलाषा...!
हर आखिरी पन्ने के बाद, कहीं कोई पहला पन्ना मौजूद मिलेगा...! हर आखिरी पन्ने के बाद, कहीं कोई पहला पन्ना मौजूद मिलेगा...!
तुम जो चली गई हो अब, हर दिन तुम्हारा वहीं इतंजार करता हूं ! तुम जो चली गई हो अब, हर दिन तुम्हारा वहीं इतंजार करता हूं !
अब तू ही है जीने की वजह मेरी इसलिए मिलके मना लेंगे पकड़कर तेरे दोनों हाथ। अब तू ही है जीने की वजह मेरी इसलिए मिलके मना लेंगे पकड़कर तेरे दोनों हाथ।