" लाल बत्ती "
" लाल बत्ती "
जब से हुई है लाल बत्ती
इन नेताओं की बैन,
खाना - पीना छूट गया है
छीना जैसे सब सुख - चैन ,
मान बैठे थे वार्ना खुद को
ये तो सुपरमैन I
अंगूठा टेक या 10वीं फेल,
मिलते ही लाल बत्ती वाली गाड़ी
करते पुरे शहर का सिस्टम फेल I
कुर्सी मिलने से पहले
शायद चलते थे साईकिल को ठेल,
अब तो भैया ठाठ -बाठ हैं ,
घूमते इनके घर के कुत्ते,
नौकर - चाकर गाड़ी में सब,
फिर चाहे निकले,
बेचारी जनता का तेल I
भौजाई भी आएं इनकी,
चाचा - चाची, मामा - मामी,
ताऊ , साला - साली
सब घूमें फिर I
खाना भी वो बहार खाएं,
लड्डू - बर्फी , छोले - कुलचे, रसगुल्ले
या फिर खाये भेल I
मांग सके ना कोई इनसे बिल की पेमेंट,
भैया ये सब तो लाल बत्ती का खेल I
जब भी नेता जी निकलें
लाल बत्ती वाली गाड़ी ले अक्सर,
राह खड़े इनकी वो तकते
चाहे छोटे या बड़े वो अफसर I
जिस रस्ते से इनको जाना,
पब्लिक को पड़ता कष्ट उठाना I
चाहे हो एम्बुलेंस इमरजेंसी
लेकिन जीवन हैं व्यक्ति का,
इनके लिए सिर्फ वोटों का खेल I
लाल बत्ती पे सिग्नल ये तोड़े
लाल बत्ती गाड़ी से करते ,
क्यों है ये नियमों से खेल I
