कविता ~ पर्यावरण
कविता ~ पर्यावरण
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आओ हम मिलकर सभी, चलो लगाएँ पेड़।
कुदरत से कोई नही, यहाँ करे अब छेड़ ।
पेड़ लगाकर दें सभी, नव युग का संदेश।
प्राण वायु के स्रोत ये, बदलेंगे परिवेश।
हमको मिलनी चाहिए, शुद्ध हवा, जलपान।
पर्वत, पेड़ न वन कटे, ऐसा हो अभियान ।
आज हवा में घुल रहा, विष कैसा भगवान।
जतन सभी ऐसा करें, जीना हो आसान ।
साँसों में हम घोल दे, आओ सभी सुगंध ।
स्वच्छ हवा के संग बहे, बन गीतों के बंध ।
पर्वत से ऊँची रहे, सपनों भरी उड़ान ।
शुद्ध हवा में साँस ले, अपना सकल जहान।
स्वच्छ धरा जलवायु हो, ऐसे करे प्रयास।
नदी बुझाती ही रहे, जड़ - चेतन की प्यास।
