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Surendra Sharma

Others

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Surendra Sharma

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कविता ~ पर्यावरण

कविता ~ पर्यावरण

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आओ हम मिलकर सभी, चलो लगाएँ पेड़।

कुदरत से कोई नही, यहाँ करे अब छेड़ ।


पेड़ लगाकर दें सभी, नव युग का संदेश।

प्राण वायु के स्रोत ये, बदलेंगे परिवेश।


हमको मिलनी चाहिए, शुद्ध हवा, जलपान।

पर्वत, पेड़ न वन कटे, ऐसा हो अभियान ।


आज हवा में घुल रहा, विष कैसा भगवान।

जतन सभी ऐसा करें, जीना हो आसान ।


साँसों में हम घोल दे, आओ सभी सुगंध ।

स्वच्छ हवा के संग बहे, बन गीतों के बंध ।


पर्वत से ऊँची रहे, सपनों भरी उड़ान ।

शुद्ध हवा में साँस ले, अपना सकल जहान।


स्वच्छ धरा जलवायु हो, ऐसे करे प्रयास।

नदी बुझाती ही रहे, जड़ - चेतन की प्यास।



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