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Preeti Sharma "ASEEM"

Others

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Preeti Sharma "ASEEM"

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किताबें भी दिमाग रखती हैं

किताबें भी दिमाग रखती हैं

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किताबें भी ,

एक दिमाग रखती हैं।

जिंदगी के,

अनगिनत हिसाब रखती हैं।


किताबें भी,

एक दिमाग रखती हैं।


किताबें जिंदगी में,

बहुत ऊंचा ,

मुकाम रखती हैं।

यह उन्मुक्तत

आकाश में,

ऊंची उड़ान रखती हैं।


किताबें भी ,

एक दिमाग रखती हैं ।

जिंदगी के,

अनगिनत हिसाब रखती हैं।


हमारी सोच के ,

एक -एक शब्द को ,

हकीकत की ,

बुनियाद पर रखती हैं।


किताबें जिंदगी को ,

कभी कहानी ,

कभी निबंध ,

कभी उपन्यास ,

कभी लेख- सी लिखती हैं।


किताबें भी,

एक दिमाग रखती हैं ।

जिंदगी के ,

अनगिनत हिसाब रखती हैं।


यह सांस नहीं लेती

लेकिन सांसो में ,

एक बसर रखती है।

जिंदगी की ,

रूह में बसर करती है।




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