किससे लड़ूँ
किससे लड़ूँ




लड़ना मुझे भी आता है
जीतना मुझे भी आता है
पर लड़ूँ किससे
आस पास सब अपने ही हैं
इनसे लड़ के
इनसे जीतकर
क्या मिल पाएगा
सुकून मुझे
इनसे हारने में जो आनंद है
वह जीत नहीं
इसीलिए रहता हूँ खामोश
देखता हूँ इनकी जीत
कोई तो है
जो बढ़ रहा है आगे।