किसानों की मजबूरी
किसानों की मजबूरी
खेत पर जाना तो किसान की मजबूरी है
पर क्या करे ये लोकडाउन भी जरूरी है।
बेचारा ये धरती पुत्र खेत पर न जायेगा
अगले दिन उसे खाना कौन खिलायेगा।
ये कोरोना शहरों के लिये बड़ा ही कोहिनूरी है
गांवों से बना रखी हालफिलहाल इसने दूरी है।
वो जानता है,धरती पुत्र को पहचानता है
यहां लोगो की प्रकृति से नही कोई दूरी है।
ये कोरोना गांवों में जाकर कम हो रहा है,
क्योकि यहां इम्युनिटी बहुत भरी पूरी है।
ताजी हवा खाते हैं और ताजा पानी पीते हैं
शायद यही वजह है यहां के लोग सुनहरी हैं।
ये कोरोना शहरों में भी खत्म होगा
पर गांवों में इसका कहर कम होगा।
मतलब साफ है,शहरों की तुलना में
गांवो में शुद्धता बड़ी ही भरी-पूरी है।
