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Umesh Shukla

Others

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Umesh Shukla

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किसानों का दर्द

किसानों का दर्द

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किसानों का दर्द सुनने

से जो करते रहे इंकार

अबकी चुनाव में उनकी

नैया डूबेगी बीच मझधार

झूठे वायदों और दावों के

साथ अब घूम रहे गांव गांव

पर जनता से उन्हें मिल नहीं

रहा अब पहले सा आदरभाव

अंदर तक बुरी तरह हिले हुए

देखकर वो सियासी परिवेश

बातों से उनकी दिखने लगा

खीझ से मन में उपजा आवेश

पूरे जग को आगाह करता रहा

सदा कई सदियों का इतिहास 

धरतीपुत्रों से रार ठानने वालों

का हुआ जड़ से सत्यानाश।


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