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PRATAP CHAUHAN

Children Stories

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PRATAP CHAUHAN

Children Stories

खेलकूद

खेलकूद

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गार्डन भी सुंदर लगते हैं,

जब वहां पर बच्चे दिखते हैं।


जब खेलकूद करते हैं बच्चे,

तब मैदानों में गुल खिलते हैं।


 एक दूजे को प्यार भी करते,

 खेल खेल में सदा झगड़ते।


 प्यारी प्यारी बातें करते,

 गिरते उठते आगे बढ़ते।


 पार्क में आकर मिल जाते सब,

 फि लुका छुपी का खेल खेलते।


 दौड़ लगाते क्रिकेट खेलकर,

 कभी-कभी फुटबॉल खेलते।


 मन के सच्चे प्यारे बच्चे,

 जहां भी मिलते अच्छे लगते।


 घर आंगन की शान बढ़ाते,

 शोर मचाते जब भी जगते।


दोस्त बनाना अच्छा लगता,

खेल है उनका प्यारा शौक।


बच्चे हैं यह निर्मल मन के,

चाहे कितनी करते नोकझोंक।



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