संविधान में आग लगा दो यहाँ निर्भया रोती है लुप्त दामिनी लोकतंत्र के दूषित... संविधान में आग लगा दो यहाँ निर्भया रोती है लुप्त दामि...
संविधान का जर्जर तन मैं अंधों को दिखलाता हूँ । बहरों की बस्ती में पीड़ा लोकतंत्र की गाता हूँ । ... संविधान का जर्जर तन मैं अंधों को दिखलाता हूँ । बहरों की बस्ती में पीड़ा लोकतंत्र ...
यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती है ... यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती ह...
तब तब मेरी कलमें आँसू को स्याही कर देती हैं............... तब तब मेरी कलमें आँसू को स्याही कर देती हैं...............
तेरा हित चाहा मैंने हरदम, पर तू कभी माना ही नहीं।। तेरा हित चाहा मैंने हरदम, पर तू कभी माना ही नहीं।।
तांडवजन्मा प्रलयअंश हूँ केवल रचनाकार नहीं , देशद्रोह के निजपुत्रों का कर सकता सत्कार नहीं ............. तांडवजन्मा प्रलयअंश हूँ केवल रचनाकार नहीं , देशद्रोह के निजपुत्रों का कर सकता सत...