कान्हा संग होली
कान्हा संग होली
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी
हरदम करे उ बलजोरी,
जब हम जाई जमुना किनरवा
देले मोर मटकी के फोरी,
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी।
जब हम जाई फूल लोढ़े बगिया
खींचे मोर अँचरा के कोरी,
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी।
जब हम जाई यमुना के बिचवा
करे मोर सड़िया के चोरी
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी।
जब हम जाई ब्रिन्दा रे बनवा
बंसिया बजाई नचावे राधा गोरी
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी।
जब हम जाई दहिया लेई के बज़रिआ
कहे चला कदमवा के ओरी,
सखी खेलब ना कान्हा संग होरी।