काला रंग
काला रंग
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छा रहे हैं काले बादल ,
घनेरे , उड़ रहे हैं,
आग के गोले से,इस
कदर खत्म हो रहीं,
है दुनिया इस कदर,
कफन पर कफन ,
बढ रहे है इस कदर,
मौत को सब देख,
रहे हैं करीब से।
डर सी हो रही,
है जिन्दगी जैसे,
उम्मीद का दामन,
छोड दिया है जैसे।
पैरों तले जमीन खिसक
गई है जैसे।
कब आयेगा
हसी खुशियों
वाला पल
जब होंगे सुन्हरे पल।।।
