जिंदगी
जिंदगी
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अब धुंआ धुंआ सी रहती है जिंदगी ,
मुझसे अब कुछ न कहते हैं जिंदगी !
कोहरा सा छा गया है जिंदगी में ,
सर्दियों की रात सी खामोश है जिंदगी !
पल-पल यादों का बसेरा है जिंदगी ,
हर दिन नया सवेरा है जिंदगी !
फूलो की पंखुड़ी , कांटों का ताज है जिंदगी ,
अजान सा एक राज है जिंदगी ,
चिगाॅंरो मे सुलगती आग है जिंदगी !
खुद में उलझा एक सवाल है जिंदगी ,
जवाब मिले तो कमाल है जिंदगी !!!
