जीवन साथी
जीवन साथी
तुमसे ही लड़ना है तुमसे ही झगड़ना है
क्योंकि उमर भर तुम्हारे ही साथ तो रहना है
तो फिर लड़ने क्या पड़ोसियों के पास जाऊँगी
ज़ाहिर सी बात है कि तुमसे लड़ूँगी भी और तुमको ही मनाऊँगी
क्योंकि उमर भर तुम्हारे ही साथ रहना है
क्योंकि हर कदम तुम्हारे ही साथ चलना है
दिल के ग़ुब्बारों को दिल में दबाना ठीक नहीं
पर ऐसी बातों को किसी अनजान से कहना भी ठीक नहीं
तो फिर ऐसी ग़ुब्बारों को तुमको ही तो सुनाऊँगी
क्योंकि किसी और से बोल उसको अपना थोड़ी ही बनाऊँगी
क्योंकि तुम्हारे ही साथ उमर भर रहना है तो
तुमको ही सब बताऊँगी और सुनाऊँगी।
लड़कर प्यार क्यों आता है तुमपर इसका तो पता नहीं
पर प्यार आने से पहले तुमपर गुस्सा क्यों आता है ये भी पता नहीं
तुमको दूर् जाता देखकर मैं गुस्से में आ जाती हूँ या
तुमको करीब लाना चाहती हूँ इसका भी पता नहीं
पर प्यार और नफरत दोनो तुम्हीं से करना चाहती हूँ
इतना तो तय है
पति पत्नी सिर्फ प्यार ही न करें एक दूसरे से बल्कि लड़कर एक दूसरे को मना लें इसी में तो उनका आपसी ताल और लय है
मिलजुलकर रहें सुख में भी और दुख में भी
ऐसी बातों में ही तो पति और पत्नी दोनों की जय है
और तभी नियाँ बीबी का रिश्ता निखर कर आएगा इतना तो तय है
क्योंकि रहना तो दोनों को साथ ही है इतना तो तय है ।