जैन धर्म
जैन धर्म


करता रहा में धर्म कर्म,
अपने ही अनुसार।
कुछ भी नही पता था,
जैन धर्म के बारे में यार।
पहली बार जब मिले,
दर्शन विद्यासागर जी मुझे।
तब हमें पता चला कि,
क्या है जैन धर्म।
सत्य अहिंसा का,
ये मूल जनक है।
कर्म प्रधान तथ्य इसमें,
सबसे ज्यादा है।
तभी तो जैन धर्म,
पूरा वैज्ञानिक है।
हर बात का वर्णन,
जैन गर्न्थो में है।
इसलिए आचार्यश्री
कहते हैं सदा।
संसार में हर जीव को,
जीने का पूरा है अधिकार।
उसको जो पर्याय मिली
अपने कर्मोनुसार।
तभी तो कहते है कि,
पूर्व जन्मों का फल है मिला।
मुक्ति का मार्ग जैन में,
सबसे अच्छा है।
सार्थक जीवन जीने का,
तरीका जैन धर्म में है।
जो चलता है आगम के
अनुसार सदा।
निश्चित ही मोक्ष मिलता है
उसे इसके मार्ग से।
इसलिए सबसे अच्छा
और सच्चा है जैन-धर्म।