इतवार
इतवार
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बैंक पिट्टखू का खेल
सोलह पर्ची का मेल,
गली में जब खूब चली
छुक छुक करती रेल,
मूंगफली तो आती है
मुरब्बे का जार नहीं आता
अब वो इतवार नहीं आता।।
