STORYMIRROR

Bhawana Raizada

Others

3  

Bhawana Raizada

Others

इत्तेफाक

इत्तेफाक

1 min
240

शायद ये इत्तेफाक है कि,

दिल हर पल लेता है,

तुम्हारा ही नाम।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

आती है क्यों मुझे,

हर पल तुम्हारी याद।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

क्यों तुम नहीं होते हो,

ओझल मेरे सामने से।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

क्यों नहीं छोड़ते हो,

पीछा मेरे सपनों से।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

देखती हूँ खुद को आईने में,

तो नज़र आ जाते हो तुम।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

मेरी नज़र से नज़र टकराके,

चले जाते हो तुम।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

मेरी बातों में आ जाते हैं,

न जाने कैसे किस्से तुम्हारे।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

क्यों मुझे अच्छा नहीं लगता,

जब न हूँ साथ तुम्हारे।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

न जाने क्यों ये दिल,

तुम्हारा ही गुण गान करे।


शायद ये इत्तेफाक है कि,

ये दिल हर घड़ी हर पल,

तुम्हारा इंतज़ार करे।



Rate this content
Log in