हवा तू ही बता।
हवा तू ही बता।
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ए हवा फिर से बता देगा अपना
कौन सा देगा
होगा फिर पीठ के पीछे से वार
किसी अपने से मिलना है प्रहार
ए हवा फिर से बता देगा अपना
कौन सा देगा
ख्वाबों का है सबका संसार
फिर क्यों अपना ही ख्वाब
है बेजार।
ए हवा फिर से बता देना अपना
कौन साथ देगा
दुख अब अपना सा लगता है
ना जाने क्यों हर अपना दगाबाज़ सा लगता है।
