हसीन पर जाँ निसार करना
हसीन पर जाँ निसार करना
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हसीन पर जाँ निसार करना
सुघड़ बदन में विहार करना
बनो बहादुर जिगर बड़ा रख
ग़रीब का मत शिकार करना
उधार लेकर दुकान कर लो
पचास से फिर हजार करना
नहीं रहेगा सदा ये जीवन
क्षणिक है यौवन विचार करना
भले सहो तुम सितम जमाना
न दोस्त दिल में दरार करना