हर तरफ...
हर तरफ...
हर तरफ धुआं धुआं
दैत्याकार चिमनियों से
निकलती काली-काली धुआं
पैदल चलु मैं
सड़क पर तो उगलते
वाहन धुआं धुआं
कार्बन कालिख सी परत
चेहरे पर छा जाती
मचलता जी
दम घुटने लगता
आंखें मेरी जलने लगती
हर तरफ धुआं धुआं
बचा ले मुझे
कर पर्यावरण संरक्षण जरा
हर तरफ बदबू बदबू
है हर तरफ गंदा पानी
नदी-नाले-तालाब का
पानी भी दूषित बदबूदार हुआ
हे ! मानव तेरी बेईमानियों से
अभिमान था मुझे
अपने आप पर
कितना मीठा था कितना निर्मल
मैं तो जीवनदायी था
दोषी मुझे बना दिया
कर दूषित मुझे
पी पी तू बीमार हुआ..
बचा ले मुझे
कर पर्यावरण संरक्षण जरा
