होली मनाना तुम
होली मनाना तुम
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नफरतें सभी जलाना तुम
होलिका अबकी जब जलाना तुम।
दूरियां दिलों की मिटाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
रंग प्रीत का लगाना तुम
मीत दुश्मन को भी बनाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
शिकवे- गिले सभी भुलाना तुम
दिल से दिल मिलाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
रंग में भंग न मिलाना तुम
दिल किसी का न दुखाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
अबीर- गुलाल उड़ाना तुम
रंग प्रीत का बरसाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
स्नेह छोटों पर लुटाना तुम
आशीष बड़ों का पाना तुम
होली अबकी जब मनाना तुम।
