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Lakshman Jha

Others

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Lakshman Jha

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हमारी चाहत

हमारी चाहत

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कुछ लिखें आप

तो हम आपको

जान पाएंगे !

मित्रता अनुकूल

हमको मिली है

पहचान पाएंगे !!


सिर्फ मित्रों की

टोलियां बनाने से

कुछ नहीं होता !

दूर रहकर यूँ

दिखने से कभी

जुड़ नहीं सकता !!


आपको हमने

अपने ह्रदय से

स्वीकार किया है !

आप कुछ नहीं

लिखकर के

बेज़ार किया है !!


भले हमारी भाषाओं

से शायद आप

जुड़ ना सके !

पर अपनी बातें

अपने अंदाज में

आप कह ना सके !!


सिर्फ आपके उधार

पोस्टों से हमें

क्या करना ?

हमारी चाहत है आपके

विचारों को अपने

ह्रदय से जोड़ लेना !!


मित्रता के बंधनों में

यूँही बंधने को

सहज ना मान लें !

एक दूसरे की भावना

को समझें और

भली -भांति पहचान लें !!




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