हिन्दुस्तान
हिन्दुस्तान
बहुत हो गया हिन्दू मुस्लिम
छोड़ो अब यह अनर्गल राग
चलो सब मिल इंसान बने
और मिटाएं चमन का दाग
एक ऐसा रीति बनाएं
समधर्म समभाव का एक गीत बनाएं
गीता कुरान को रख बक्से में
एक दूजे को मीत बनाएं
जब हो दीन धरम की बात
तेरी किताब मैं पढूं
मेरी किताब तू पढ़े
छोड़ छिद्रांवेषन
कुछ अच्छा सा अर्थ गढ़े
फतवा को फरमान लिखें
आरज़ू, विनती को अरमान लिखें
रांची मे रहीम रहे राम विराजे करांची में
पी ओ के से पी मिटाएं
वाधा बाॅर्डर का न व्यवधान रहे
प्रयोग ही सही पर राजेश्वर
दिल्ली से इस्लामाबाद तक
फिर से एक बार हिंदूस्तान लिखें।
