हिन्दी कविता-हार न जीत का जश्न
हिन्दी कविता-हार न जीत का जश्न
हुआ फैसला राम मंदिर नहीं हार न जीत जश्न करें ।
बना रहे अमन चैन वतन राम रहीम सब नमन करें ।
विवाद सैकड़ो सालो काअब सबने मिल खत्म किया।
मिला झोली जिसके जो भी सब उसका जतन करें ।
मंदिर राम बने अयोध्या मे बने मस्जिद भी जरूरी है।
मिटाकर गीले शिकवे बन के भाई आओ भजन करें ।
सदियो रहे मिलके आगे भी दस्तूर ये ज़िंदा रहे हमारा।
लाख चाहे कोई करना अलग मिल सब सामना करें ।
है मक्का मदीना इबादतगाह पाक घर खुदा का।
अयोध्या है जन्म भूमि श्रीराम बने मंदिर प्रयत्न करें ।
जीत लेते किला दुशमन जश्न मनाते ढ़ोल नगाड़ो से।
हुआ फैसला भाई से भाई का क्यो मन मगन करें ।
लिखा गया स्वर्ण अक्षरो नाम इतिहास पंच जजो का।
दिया फैसला ऐतिहासिक मिल विकास वतन करें ।
दूरियाँ दिलो दूर करना है बढ़ी खाइयाँ अब भरना है।
बने भव्य मंदिर राम अयोध्या संकल्प मनन करना है।
