हिन्दी गीत - जन्म लिए कन्हाई |
हिन्दी गीत - जन्म लिए कन्हाई |


रही काली काली रात अंधियारी
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई
उमड़ घुमड़ खूब बादल गरजे
चमक चमक चम बिजली चमके
आए गोद कान्हा देवकी माई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
करने कंस कसाई मामा मर्दन
आठवीं पुत्र दिये बासुदेव दर्सन
काली रात घनेरी बढ़ी आई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
बचाने कोप कंस अपने ललना
चले बासुदेव रख माथे पलना
जल यमुना गले बढ़ आई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
बन छतरी नाग बालक बरखा बचावे
कान्हा छुई चरण यमुना जल घटावे
छोड़ लाल अपना यसोदा कन्या उठाई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
होत भोर बाजे नन्द घर बजना
जन्म लिए श्याम सुंदर ललना
नाचे ग्वाल बाल गोकुला गाई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
पापी मामा कंस दुराचारी मारा
भय भूख दुख सब जन तारा
संग राधा गोपियाँ रास रचाई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
रचा महाभारत ले धनुधारी बीरा
किया नास पापी अधर्मी धरी धीरा
धर्म अधर्म पांडव कौरव हुई लड़ाई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
माथे मोर मुकुट मुख मुरली साजे
अंग पीतांबर नित्य मनमोहिनी बाजे
हरो हर पीड़ा किशन कन्हाई
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।
खिले बृंदावन हर कली कली
छाए बहार तेरी नजर जिधर चली
करो कृपा हे श्री बाँके बिहारी
जेलखाना जब जन्म लिए कन्हाई।