STORYMIRROR

Manjul Singh

Others

3  

Manjul Singh

Others

हे राम...

हे राम...

1 min
276

राम तुम वन में रहो!

राम तुम कौशल्या की कोख़ में रहो!

राम तुम पिता के स्वभिमान में रहो!

राम तुम सीता के तन-मन में रहो!

राम तुम लक्ष्मण के अभिमान में रहो!

राम तुम हनुमान के हृदय में रहो!

राम तुम रावण के प्रतिशोध में रहो!

राम तुम वानरो के दल में रहो!

हे राम तुम "रामायण" में रहो!

हे राम तुम "राम की शक्ति पूजा" में रहो!

मैली हो गयी है ये दुनिया,

अब राम तुम हर इंसान में रहो!


Rate this content
Log in