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रंजना उपाध्याय

Others

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रंजना उपाध्याय

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हे देवी ! तुम धन्य हो !

हे देवी ! तुम धन्य हो !

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सुंदर सा मुखड़ा है, भरा हुआ है भाव

देवी तुम धन्य हो, पार करा दी नाव।


थे कितने छेद पेंदी में, टूटी थी पतवार,

देवी तुम धन्य हो, पार करा दी नाव।


बिन मौसम तूफानों ने, जब हिलाए पांव,

देवी तुम धन्य हो, पार करा दी नाव।


रानी बोले राजा से, विकल हुआ जो जीव,

थाम हाथ पुचकार के, करूँ मयूरी छांव।


है देवी ! तुम धन्य हो, पार करा दी नाव।


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