हैं कोई यहां
हैं कोई यहां
जो बात कर सके बिना कुछ सौदे के जिसमें कोई परदा ना हो।।
बस ढेर सारी बातें और वहां सिर्फ़ आपका आपना कोई हो।।
माना की इंसान की कोई ना कोई बात होती है पर वो तो समय के साथ बदल जाती हो।।
पर कोई एक है जो सौदा ना करें सिर्फ़ आपका और हमारा साथ निभाना जानती हो।।
क्यूकि आज कल बिना मतलब बाते होती नहीं हैं बल्कि सबको हिस्सा चाहिए
और विश्वास जैसे कहीं खो ही गया हो इसलिए कोई हैं जो बात करना चाहिए।।
सब लोग एक दूसरे की तरह कभी होते बस सबका देखने नज़रिया अलग होना चाहिए।।
इसलिए सबको एक समजने की भुल ना करें क्या पता आपको हमसफ़र मिल जाए।।
आज कल लोग बिना जाने पहचाने सबको एक ही तराजू में सिर्फ़ तोल रहा है।।
बल्कि हर एक इंसान की एक खुबी होती है उसका सबूत हात की लकीरें देती है।।
जिसे हम सारे अलग अलग लगे हर एक का जीवन परिचय अलग लगने लगता हैं।।
ये लकीरों ने हमारा भविष्य वर्तमान समय सब कुछ अच्छा बुरा लिखवाकर आए हैं।।