हाथों में कितनी ताकत है
हाथों में कितनी ताकत है
काले कर लेंगे हाथ मगर,
कालिख का दंभ मिटाएंगे।
हाथों में कितनी ताकत है,
ये दुनिया को समझाएंगे।।
यह सच है अपनी हिम्मत ही,
करती अपनी देखाभाली।
मन चंगा है तो मकसद की,
कब रहती है झोली खाली।।
निष्फल हमने होती देखी,
करतूते शैतान की काली।
क्या पता नहीं रब खुद करता,
अपने फूलों की रखवाली।।
अपनी थाती तो खुशबू है ,
हम जनजन तक पहुंचाएंगे।
हाथों में कितनी ताकत है ,
ये दुनिया को समझाएंगे ।।
दो हाथ दिए हैं ईश्वर ने ,
सौगात हमें ये याद रखें।
एक पेट बहुत छोटा अपना,
सौ पेटों को हम शाद रखें।।
हर दीन दुखी के सपनों की,
इमदाद करें आबाद रखें।
मोहताजों को साया देकर,
अच्छे उनसे संवाद रखें।।
जल जाएं हाथ तो फिक्र नहीं,
रोशन जग को कर जाएंगे।
हाथों में कितनी ताकत है ,
ये दुनिया को समझाएंगे ।।
"अनन्त" भलाई जीवन में,
जो रहे नही निस्सार कहो।
जो निकल मलाई जाए तो,
वो दूध सखे बेकार कहो।।
तुम जग जीतो दौलत पाओ,
गर खुशी नहीं सब भार कहो।
हो बैचेनी बेबसी जहाँ,
क्या उसको जीवन सार कहो।।
संकल्प करें मुस्कानों की,
फसलें बोकर सुख पाएंगे।
हाथों में कितनी ताकत है,
ये दुनिया को समझाएंगे।।