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Poonam Matia

Others

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Poonam Matia

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हाथ कंपकंपाते हैं

हाथ कंपकंपाते हैं

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ये असर होता है

नज़दीकियों का उनकी

अपने दिल की धड़कन

उनमें सुनाई देती है

आँखे गर नम हो उनकी

अश्को की धार यहाँ बहा करती है

हँस दें जो खिलखिला के वो

फूल हमारी बगिया में खिल जाते हैं

हौले से गर छू जाये उनका आँचल भी

साँसों में हमारी तूफान आ जाते हैं

एक मुद्दत से तमन्ना थी उन्हें छूने की

आज जब करीब हैं वो

न जाने क्यों हाथ कंपकंपाते है


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