गज़ल
गज़ल

1 min

233
कोई जादू नज़र नहीं मिलता।
तेरे जैसा गुहर नहीं मिलता।
जो तआरुफ़ कराए मौत से अब।
ऐसा भी राहबर नहीं मिलता।
ज़िन्दा लाशों के हैं हुजूम यहां।
लेकिन कोई बशर नहीं मिलता।
आशियाँ कर लिया है उसका दिल।
इस लिए तो मैं घर नहीं मिलता।
मुझ तलक पँहुचा दे पयाम मेरे।
ऐसा तो नामाबर नहीं मिलता ।
कुछ अजब सा ही वाक़या है ये।
ख़ुद में रहता हूँ, पर नहीं मिलता।
किस तरह से सफ़र करे कोई।
जब कोई हम सफ़र नहीं मिलता ।