गुलमोहर
गुलमोहर
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मौसम की पहचान होकर
खिलता है गुलमोहर अरमान बनकर
धूप में छाव के अल्फाज लेकर
गुलमोहर लिखता हूँ कोरे कागज पर
शाख पर बैठा परिंदा
गीत गाता है गुलमोहर का
बरस जाते है फूल यहाँ पर
रास्ता रास्ता सजता गुलमोहर
किताबों में गुलमोहर के फूल
रखे है संभालकर
देख लेता हूँ उन्हें याद आने पर
सुर साज गुलमोहर
लम्हा लम्हा गुलमोहर।