गीत फुहार
गीत फुहार
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मनभावन सी रचना देखो मृगनयनी सी चाल
डोले पग पग अल्हड़पन में बाजे पायल की झंकार,
चंचल चपल बाला संवार रही घने लंबे काले बाल
सबको हर्षित कर उत्तर देती पूछो चाहे कोई सवाल,
मंद मुस्कान गालों के गढ़े कानों की गोल बालियां
देती समृद्धि का परिचय जैसे पीली गेहूं की बालियां
वो रहती शांत शरमाई सी छुपी पत्तों की ओट तले
बुद्धि कौशल नस नस में भरा स्नेह से मिलती यूं गले,
मनभावन सी रचना देखो मृगनयनी सी चाल
डोले पग पग अल्हड़पन में बाजे पायल की झंकार।
