गाय माता करती पुकार
गाय माता करती पुकार
पीड़ित गाय माता के बयान
आई है महामारी हम गायों के कुनबे पर,
हमें तो मंजूर है लम्पी से लड़ जाना,
इस महामारी से लड़ते-लड़ते सड़ जाना,
और .......,
सड़ते-सड़ते तड़प-तड़प कर मर जाना,
लेकिन.......!
मुझे मरते-मरते चिंता है उन सबकी
जो मेरे नाम पर वर्षों से मांगकर खा रहे है
इस चंदे के धंधे से अपना घर चला रहे है
मेरी मौत के बाद
तुम्हारा क्या होगा ?
हर दुकान में मेरे नाम का डिब्बा रखने वालों,
गौ माता के सहायतार्थ कूपन बांटने वालों,
जागरण में गौशाला का चंदा जुटाने वालों
हरिकथा में गाय के नाम रुपये लुटाने वालों
तीर्थ स्थानों में गऊ के नाम दान खाने वालों
बड़े मंचो पर गौ सेवक सम्मान पाने वालों
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल गाने वालो
जब मैं तुम्हारी गाय माता ही नहीं बची तो तुम्हारा क्या होगा?
बिना गायों के सैंकड़ों गौशाला चलाने वालों,
गाय का चारे की फर्जी ट्रक का पैसा खपाने वालों,
गौशाला के नाम चंदे की फर्जी रसीद छपाने वालों,
अपनी काली कमाई को गौशाला के नाम छुपाने वालों,
गौशाला दान के नाम से इनकम टैक्स बचाने वालों,
गौशाला के नाम सरकारी अनुदान उठाने वालों
गौशाला के नाम गौचर जमीन हड़पने वालों,
गौशाला विकास के नाम चंदा उगाहने वालों,
पैसे ले कर गौशाला में भर्ती स्वीकार करने वालों,
बीमार मरती गाय को इनकार करने वालों,
जब मैं ही नहीं बचूंगी तो
तुम्हारा क्या होगा?
गाय के नाम पर जनता से दान उठाने वालों,
गाय के नाम हरा चारा, गुड़, तेल खाने वालों,
गऊ ग्रास के नाम पर्व पर रुपये पाने वालों,
यज्ञ, हवन और पूजा में गौ दान चूसने वालों,
गऊ दान संकल्प के दाम जेब में अपनी जेबों में ठूंसने वालों,
गाय रक्षार्थ की रसीद काट कर फिर नाम भूलने वालों,
तुम्हारा क्या होगा?
गौमांस पर बैन के लिए लम्बी फेंकने वालों,
कत्लखानों पर राजनीति की रोटियां सेंकने वालों,
गौमूत्र से असाध्य रोग उपचार बताने वालों,
गौबर से शुद्धि का संसार चलाने वालों,
गाय पर हाथ फेरने से उद्धार बताने वालों,
पूंछ पकड़ कर वैतरणी पार लगाने वालों,
तेंतीस कोटि देवताओं का वास बताने वालों,
गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने वालों,
जब मैं ही नहीं बचूंगी तो
तुम्हारा क्या होगा?
ये सिर्फ मैं नहीं मर रही हूँ......!
मेरे साथ तुम्हारी रोजी-रोटी कारोबार भी मर रहा है,
मुफ्त की चांदी चाटने वालों का व्यापार मर रहा है,
मैं मर गई तो....!
नेताजी गाय के नाम पर वोट कैसे मांगोगे ?
मैं मर गई तो
पंडित जी गौ माता के नाम दान कैसे मांगोगे ?
मैं मर गई तो
दूधियों नकली दूध दही छाछ कहां से बनाओगे ?
मैं मर गई तो
हलवाइयों मिलावटी मावा पनीर कैसे बनाओगे ?
मैं मर गई तो
मांसाहारियों बीफ के लिए किसे काटोगे ?
मैं मर गई तो
सेकुलरो तुम हिन्दू-मुस्लिम को कैसे बांटोगे ?
मैं मर गई तो
गायों के नाम चलने वाली दुकानें बन्द हो जाएगी ,
मैं सबकी माँ हूँ ना
मैं देख रही हूँ सबको बेबस आंखों से,
मरते-मरते बस मुझे सिर्फ तुम्हारी चिंता है,
मरते-मरते गाय माता पुकार कर रही हैं !!