गांव की याद
गांव की याद
गांव तेरी याद बहुत ही आती है
आँखो में तेरी याद आँसू भर लाती है,
कैसे जुदा करूँ तेरी याद को दिल से,
तेरी महक मेरी सांसो से आती है।
जैसे ही में रातों को सोता हूं,
तेरी याद मुझे ख्वाबों में ही रुलाती है
गांव तेरी याद बहुत ही आती है।
तुझे छोड़ मैं शहर क्या आया,
पूछ मत पीछे क्या छोड़ आया
रात औऱ दिन तेरी याद सताती है
मां की लोरी छूट गयी है
यारों की यारी लूट गयी है
तेरी याद मां-बापू की तस्वीर बनाती है
गांव तेरी याद बहुत ही आती है।
यारों की याद दिलाकर,तेरी याद
बिना आग ही हमें जलाती है,
वो स्कूल की छत,
जहां बैठते थे हम सब,
पुरानी बातों से अक़्सर,तेरी याद
दिल को तन्हा कर जाती है।
गांव तेरी बहुत ही याद आती है।
वो प्यार भरा कमरा
जहां मैं खेलता कूदता
रोता,हंसता,गिरता,पड़ता
फ़िर खड़ा हो जाता,
उस कमरे की दीवारें
जन्नत को भुलाती हैं
गांव तेरी बहुत ही याद आती है।
बचपन मेरा,तेरे साये मे गुज़रा है,
तेरी परछाई मेरी आँखो में नज़र आती है,
में चाहे गांव तुझसे कितना ही दूर रहूं,
तेरी मिट्टी की गंध मेरे शरीर से आती है,
गांव तेरी बहुत ही याद आती है।
ख़ुदा करे मेरा हरजन्म तेरी मिट्टी में हो
तेरी महक मेरी रूह के भीतर तक जाती है,
गांव तेरी बहुत ही याद आती है,
मुझे जन्म भले तूने ना दिया हो
पर देखभाल से तू मां सा बन जाता है,
तेरी याद मुझे माँ की याद दिलाती है,
गांव तेरी बहुत ही याद आती है।