Shanti Kunwar
Others
बिन प्रलय, प्रलय में डूबे,
कर विचार मंजर अजूबे,
भयानक डर से आलिंगन,
सन्न शरीर, अस्थिर मन,
आशंका दिल में एक उठी जब,
ना-व्यथा से व्यथित जीवन,
सोच-सोचने की आदत में,
बिन-गम ग़मगीन करे मातम।
आज की बात ऐसी
फ़जूल
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आज