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सही कहें कि जो भी, आज-कल हो रहा, है युवा सडकों पर, जब संविधान रो रहा सही कहें कि जो भी, आज-कल हो रहा, है युवा सडकों पर, जब संविधान रो रहा
आशंका दिल में एक उठी जब, ना-व्यथा से व्यथित जीवन, आशंका दिल में एक उठी जब, ना-व्यथा से व्यथित जीवन,
आधार जिज्ञासाओं का, आधार अपने अस्तित्व का, और अस्तित्व के ईश्वर का, आधार जिज्ञासाओं का, आधार अपने अस्तित्व का, और अस्तित्व के ईश्वर का,
पर, आज कहीं शब्दों का निश्चय कहीं बचा साहस पाकर, आस का संबल लिये, संघर्ष का साथ पाता है, ... पर, आज कहीं शब्दों का निश्चय कहीं बचा साहस पाकर, आस का संबल लिये, संघर्...