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Sunil Kumar

Others

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Sunil Kumar

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एक रंग स्नेह का

एक रंग स्नेह का

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रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम 

एक रंग स्नेह का भी लगाना तुम‌‌।


शिकवे-गिले भुलाना तुम 

दिल से दिल मिलाना तुम 

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।


मदिरापान न करना न कराना तुम

दिल किसी का न दुखाना तुम 

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।


गोबर-कचरा किसी को न लगाना तुम

रंग स्नेह का बरसाना तुम

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।


आशीष बड़ों का पाना तुम

स्नेह छोटों पर लुटाना तुम 

रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।



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