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एक कविता सब के नाम

एक कविता सब के नाम

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साहित्य के रस में छुपे हुए उस ज्ञान के सागर के भण्डार की
एक माँ के दिल में छुपे हुए अटूट प्रेम और विश्वास की
यह कविता है, बिना किसी कपट के जीने वालों के सम्मान की

भारत के अनेकता में एकता के छुपी हुई उस सिद्धांत की
यहाँ के संस्कृतिऔर परम्पराओं के अपूर्व भण्डार की
यह कविता है, हर इंसान के दिल में बसने वाले उस भगवान की

एक बच्चे के पैदा होने पर आने वाली उन खुशियों की
हर रात के अंधेरो के बाद आने वाली उस सुबह की रौशनी की
यह कविता है, हर उस कोशिश करने वालों के हिम्मत की

एक मासूम के दिल में उठते हुए उन अनगिनत सवालों की
एक सपने को पूरा करने के लिए जीने की उस प्रयास की
यह कविता है, ज़िन्दगी को ज़िन्दगी की तरह अपनाने वालो की

ब्रह्माण्ड में रहने वाले अनगिनत जीवित प्रजातियों की
बादलो से बरसती उस श्वेत जल के निर्मल धाराओं की  
यह कविता है, उत्साह से जीने वालों के ज़िन्दगी की

देश के हित के लिए, हर उस मर मिटने वालों के यादों की
असीमित प्रेम से द्वेष को मिटाने वाले उस हौसले की
यह कविता है, सरहद पर लड़ने वाले उन सारे जवानों की

दूसरों के लिए निस्वार्थ भाव से करने वालों के उस स्वभाव की
संगीत और कला में छुपी, अद्भुत मिठास और पहचान की
यह कविता है, इस धरती पर रहने वाले हर उस इंसान की


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