दुःख आने के बाद
दुःख आने के बाद
मेहंदी सदा रंग लाती है,रचने के बाद
चाय सदा रंग लाती है,उबलने के बाद
आदमी क्यो रोता है,दुख आने के बाद
जबकि सच यह है,दुःख ही वो वजह है,
वो ज्ञान देता,जो न मिलता कहीं बाहर
रिश्तों की सही औकात पता चलती है,
जीवन मे दुःख रुपी वेला आने के बाद
आदमी सच मे सुधरता है,ज़माने में,
मनुष्य जीवन मे ठोकर खाने के बाद
उस रब को दुःख में ही क्यों याद करे,
हर पल ही गर उस रब को याद करे,
जीवन मे दुःख लगेगा,सुख-अभ्यास
दुःख है,भोर के पूर्व का एक चमत्कार
दुःख,उन्हें कभी विचलित नही करता,
जो तटस्थ रहते,सागर पाने के बाद.