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Ajay Singla

Others

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Ajay Singla

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दोस्त पुराने

दोस्त पुराने

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जब कभी भी तनाव से दुखी होता है मेरा मन

मैं पुराने दिनों में चला जाता हूँ, वो है मेरा बचपन


वैसे तो दोस्त बना रखे थे बहुत सारे

पर हम तीन यार पक्के थे, मैं, इंद्र और प्यारे


स्कूल से आते ही चले जाते थे झील की ओर

तीनों में लग जाती थी पहले पहुँचने की होड़


इतना अच्छा माहौल होता था, कभी होते नहीं थे बोर

अब लगती थी झील में तैरने की दौड़


वो झील हम सबको इतनी भाती थी

पता नहीं कब दोपहर से शाम हो जाती थी


कई बार तो वक्त का पता ही नहीं चल पाता था

अँधेरा घिर आता, सूरज भी अपने घर चला जाता था


अक्सर याद आते हैं वो दोस्त और वो झील का किनारा

जीना चाहता हूँ फिर से अपना बचपन दोबारा



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