दोस्त मिलते गए
दोस्त मिलते गए
कुछ दोस्त मिलते गए
कारवाँ बनता गया !
हम साथ यूँ चलते रहे
रास्ता बनता गया !!
बिछड़े हुए साथी भी
हमारे साथ हो लिए !
पुरानी यादों को हम
नए ताजे कर लिए !!
उनके एहसासों और
प्यार को जानते थे !
कभी यूँ रूठ जाना
मनाना हम जानते थे !!
हमारी शक्लें यूँ तो
वर्षों से बदल चुकी थीं !
पर हमारी सोच अब तक
ना डोल चुकी थीं !!
नए दोस्तों का काफिला
आ के मिल गया !
प्रेम से सारे मिल गए
जश्न फिर होने लगा !!
अनजान कुछ क्षण रहे
बंधनों से जुड़ गए !
दुःख के क्षण में शब्दों
के मरहम कर गए !!
मित्रता मित्रता है
क्या पुरानी नयी बात है !
सामने से मिल सके ना
फेसबुक में साथ हैं !!
हमारी बातें हमारी सोच
हमें करीब लाती हैं !
कोई विभेद की बातें
हमें परेशां कर जाती है !!
स्नेह के पतवारों से
मित्रता की नाव चलती है !
मृदुलता प्यार के बल से
मित्रता चमकती है !!
