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Pawanesh Thakurathi

Others

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Pawanesh Thakurathi

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दो हमसफर

दो हमसफर

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जीवन की राह पर

जब-जब गिरता हूँ

तब पिता की कही बातें 

याद करता हूँ


जब चलते-चलते

थक जाता हूँ

तब माँ के हाथ-पैरों को

याद करता हूँ


सच कहूँ तो

माँ और पिता

दोनों

मेरे साथ-साथ चलते हैं। 


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