दिया संदेशा !
दिया संदेशा !
दिया संदेशा
इन बहती हवाओं ने
आया मौसम बसंत का
दिल लगा झूमने !
पल-पल सताती है
याद तेरी मुझको
जब लट उलझाती है
ये हवाएं बसंती
तब लगता है
जैसे तुम आए !
दूजे ही पल आ जाती है
सामने सच्चाई
तब चुभने लगता है
मौसम बसंत का
कराता है ये अहसास
तेरा परदेसी बन जाने का !
सारी ऋतुएं भी चली गई
बसंत ने आकर डाला डेरा
दिन तो कट जाता है
कांटे नहीं कटती रातें
जब दिया संदेशा
महकती हवाओं ने
ऋतुराज के आने का !
अब तो आ जाओ सजना
बाट निहारूं तेरी
इक पल रहा न जाए
आया मौसम बसंत का
दिल लगा बहकने !
