दिल के खोले हैं मैंने पट
दिल के खोले हैं मैंने पट
दिल के खोले हैं मैंने पट
आ जा तू इसमें झटपट
अब और न कर तू खटपट
चलो इश्क में दौड़े सरपट
दिल के खोले....
किससे हमको कुछ कहना है
अपने ही में बस खुश रहना है
क्यों किसी से जिरह करें हम
क्यों करें हम उनसे धर पटक
दिल के खोले...
मेरी बाहों में तू आजा
मुझ को अपना प्यार सिखा जा
तुझ से फिर इश्क करूँगा
तेरे दिल से लिपट-लिपट
दिल के खोले....
शरमाना अब मुझसे छोड़ दे
अपने लब मुझसे जोड़ ले
तेरे करीब मैं आ जाऊँ
तू भी आजा मेरे करीब सिमट
दिल के खोले...
तुझ से मेरी हस्ती है
दिल में मेरे बसती है
हरदम तुझसे प्यार निभाऊं
करूँगा न तुझसे कोई कपट
दिल के खोले...
