दूसरों का ना सोचकर अपने लिऐ ही जिया, आज ख़ुद को अपनी नज़रों में गद्दार3 पाया। दूसरों का ना सोचकर अपने लिऐ ही जिया, आज ख़ुद को अपनी नज़रों में गद्दार3 पाया।
एक समय था वो मेरे रग-रग से वाकिफ़ हो जाने में परेशां था... और एक आज है मेरी सूरत भी नजरन्दाज करना ही ... एक समय था वो मेरे रग-रग से वाकिफ़ हो जाने में परेशां था... और एक आज है मेरी सूरत ...
डरता हूँ कहीं गम ना दे जाऐ । तेरे दिये ग़म मे गर साँस भी पूरी हो गई ,..................... डरता हूँ कहीं गम ना दे जाऐ । तेरे दिये ग़म मे गर साँस भी पूरी हो गई ,..............
दिलो जाँ से वो कभी अपनाता भी नहींबड़ा अजीब है वोहमें ठुकराता भी नहीं दिलो जाँ से वो कभी अपनाता भी नहींबड़ा अजीब है वोहमें ठुकराता भी नहीं
मेरे वतन मेरे जहाँ, ये बता तू है कहाँ तेरे लिए ही लुटा, मेरे दिल का जहाँबस इतनी नुमाइश है मेरे वतन मेरे जहाँ, ये बता तू है कहाँ तेरे लिए ही लुटा, मेरे दिल का जहाँबस इतनी ...
बस हर गुज़रते पल के साथ उसकी बेवफाई पे एतबार आया। बस हर गुज़रते पल के साथ उसकी बेवफाई पे एतबार आया।