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दिलो जाँ से

दिलो जाँ से

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दिलो जाँ से कभी अपनाता भी नहीं,
बड़ा अजीब है वो हमें ठुकराता भी नहीं.

मैं पूछ-पूछ कर थक गया हूँ लेकिन,
क्यों रोता है वो कुछ बताता भी नहीं.

तुझे ख़ौफ़ है ज़माने का बस इसीलिए,
अब मैं तेरी गली से आता-जाता भी नहीं.

एक मुद्दत से उसके चेहरे पर उदासी कायम है,
वो सदा हसने वाला अब मुस्कुराता भी नहीं.


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