दिखने दो
दिखने दो
दर्द है तो दिखने दो, आँख से आँसू बहने दो
किसने रोका है तुमको, जो रोना है तो रो लेने दो
कब तक तुम रोके रखोगे, उन भूली बिसरी यादों को
दिल के कोने मे दबी है जो, न रोको उस चिंगारी को
रोकोगे दिल भर जाएगा, घुट-घुट के दम घुट जाएगा
गुब्बारे सा है दिल अपना, भर गया जो फिर फट जाएगा
अरमानों की कोई गठरी हो, या तेज़ घोर दोपहरी हो
चिंता मे तुम जो ना घिरे, तुम अपने जाल के मकड़ी हो
बस कर खुदको दोष न दे, जो गुम है खुदको होश न दे
क्या पा लेगा अश्क़ों को रख के, बहते है तो बह लेने दो
हर उलझन का हल मिल जाएगा, बरबोला का मुंह सील जाएगा
जो दर्द से तूने यारी की, गैरों का सीना फट जाएगा
कुछ मिल जाएंगे राहों मे, सिमटे अपने ही बाहों मे
उनके भी अपने फसाने है, जो आते नहीं निगाहों मे
जो कहते है की दर्द नहीं, कहने मे कुछ भी हर्ज़ नहीं
जो दूजे का गम ना समझे, उनको चुप रहने मे हर्ज़ नही।