Dear Myself
Dear Myself
Dear my self,
हाँ अभी तो तुझे कुछ समझ नहीं आ रहा होगा ना
क्या दुनिया है और कैसे रिश्ते....!
पर तू डर मत कुछ दिनों बाद तुझे सब कुछ समझ आ जाएगा...!
तू भी लोगों से वैसे बर्ताव करेंगी जैसे वो करते हैं...!
पर हाँ मुझे नहीं लगता की तू उनके जैसे बन पाएगी...!
तुझ में कुछ तो अलग है...!
इसलिए तो हर बार ताने सुन के भी तू मुस्कुराती है...!
भले ही शक्ल सांवली सी पाई हो
लेकिन जो एक बार देखेगा
वो जरूर मुड़कर एक बार और देखेगा...!
पता है तू सब बिना मतलब के आज भी सब करती है
और शायद हमेशा करेंगी...!
ऐसा करने में तुझे तकलीफ़ तो बहुत होगी
पर वैसे भी तुझे हमेशा तकलीफ़ के बिना
आसानी से तो कुछ मिला है नहीं...!
बस तुझसे यही कहना हमेशा ऐसे ही रहना
तभी तो भीड़ से हटकर निखरना जो है...!
For my younger self