डोर
डोर
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ये जो रिश्तों की मिठास है,
हर पल एक एहसास है।
होते सभी है अजनबी,
बनते कुछ ही ख़ास है।
दूर होके भी पास है ,
न जाने बाँधे कोई डोर साथ है।