छाँव में बाद में बैठना
छाँव में बाद में बैठना
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चलते -चलते जब तुम थक़ जाओ,
किसी घने पेड़ की छांव के बैठना!
जीवन के संघर्ष से कभी ना घबड़ाना,
बल्कि निडर होकर उनके करना सामना!
थोड़ा करके आराम फ़िर से चल देना,
मंज़िल तक पहुंचना है ये तुम मत भूलना!
कभी हंसना कभी रोना पाकर कुछ खोना,
बात ये बड़े काम की सबको समझा देना!
